विंड्स योजना 2023 | UP Winds scheme | योगी सरकार विंड्स योजना | UP Winds Yojana 2023 | Yogi Winds Yojana 2023
भारत में किसानों की समस्याएं अनेक हैं, लेकिन मौसम का उतार चढ़ाव उनके लिए सबसे बड़ी समस्या है। इस समस्या को दूर करने के लिए भारत सरकार ने विंड्स योजना की शुरुआत की है।
Winds Yojana का शुभारंभ भारत के कुछ राज्यों में किया गया है और अब इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इस योजना से किसानों को बेहतर फसल उत्पादन करने में मदद मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

विंड्स योजना को समर्थन करने वाले कई किसानों ने बताया कि उन्हें सही मौसम सूचना मिलने से उनकी फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी हुई है। इससे किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, पवन ऊर्जा भारत में बिजली उत्पादन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभर रही है। वर्तमान में, देश में पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापित क्षमता लगभग 35,700 मेगावाट है, जो नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित कुल बिजली का 68% है। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान ने 50 मीटर और 80 मीटर की ऊंचाई पर क्रमशः 138 मेगावाट और 1260 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन की संभावना जताई है।
UP Winds Yojana 2023 का उद्देश्य
Winds Yojna का मुख्य उद्देश्य किसानों को सही मौसम सूचना देना है, जिससे वे सही समय पर फसल उगाएं और अपनी फसल को सही तरीके से प्रबंधित करें। इस योजना के तहत, किसानों को मौसम सूचना सही समय पर मोबाइल फोन के जरिए प्राप्त होगी।
UP में योगी सरकार ने अब विंड्स योजना को गांव-गांव तक मौसम की सटीक सूचना देने के लिए लागू करने पर सहमति दी है। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS)और ऑटोमेटिक रेन गेज (ARg) अथवा वर्षामापी मौसम विभाग और राजस्व विभाग से छूटे हुए 55507 ग्राम पंचायतों और 308 ब्लॉकों में लागू होंगे। यह राज्य में केंद्र सरकार की Winds (Weather Information Network and Data System) योजना के तहत किया जाएगा। वहीं, इस कार्य में होने वाले खर्च का सिद्धांत भी अब तय हो गया है। केंद्र सरकार की मदद से उत्तर प्रदेश का कृषि विभाग वेदर सिस्टम बनाएगा।
यूपी के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना पर सिद्धांत रूप में मोहर लगा दी गई है। प्रदेश सरकार ने विंड्स को एक नई योजना के रूप में शुरू किया है। बजट भी इसके लिए धनराशि देगा।
UP विंड्स योजना, 2023 में कैसे मिलेगा लाभ ?
UP में विंड्स योजना के तहत ग्राम पंचायतों और विकासखंडों में एडब्ल्यूएस और एआरजी की देखभाल पंचायत स्तर पर नियुक्त पंचायत सेवक और पंचायत मित्र करेंगे। AWS को 5 × 7 वर्ग मीटर की जमीन की जरूरत होगी, जबकि ARg 4 × 3 वर्ग मीटर की जरूरत होगी। AWS विकासखंड कार्यालय में स्थापित होंगे, जबकि ARg ग्राम पंचायत भवनों के छत पर स्थापित होगा। साथ ही, पंचायत राजस्व और ग्राम विकास और कृषि विभागों के राज्य मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, साथ ही इसके पंजीकरण व अधिक जानकारी के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च होगा ताकि विंड्स योजना को बेहतर ढंग से लागू किया जा सके।
यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, हवा की गति भी बढ़ती है, जिससे बिजली उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होती है। इसलिए, विभिन्न ऊंचाइयों पर पवन ऊर्जा उत्पादन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए अधिकारियों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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